हाल ही में सामने आई एक रिसर्च ने रुक-रुक कर उपवास (Intermittent Fasting) करने वालों को चौंका दिया है। इस रिसर्च के अनुसार, रोजाना खाने का समय सीमित रखने वाली इस डाइट आदत को अपनाने वालों में दिल की बीमारी से मरने का खतरा 91% तक बढ़ सकता है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? इंटरमिटेंट फास्टिंग को तो वजन कम करने और सेहत सुधारने का एक कारगर तरीका माना जाता था। तो चलिए इस रिसर्च को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि आखिरकार रुक-रुक कर उपवास करना सेहत के लिए फायदेमंद है या हानिकारक।
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है? (What is Intermittent Fasting?)
इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने का एक पैटर्न है जिसमें आप एक निश्चित समय खाते हैं और बाकी समय उपवास करते हैं। इसमें खाने का समय कम करके कैलोरी की मात्रा को कम किया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई तरीके हैं, जिनमें सबसे आम हैं:
- 16/8: इस तरीके में आप 16 घंटे उपवास करते हैं और बाकी 8 घंटों में खाते हैं। आमतौर पर लोग सुबह नाश्ता छोड़ देते हैं और शाम को जल्दी खाना खा लेते हैं।
- 5:2: इस तरीके में आप पूरे हफ्ते सामान्य खाते हैं, लेकिन हफ्ते के दो गैर-लगातार दिनों में सिर्फ 500-600 कैलोरी तक का सेवन करते हैं।
नई रिसर्च में क्या पाया गया? (What Did the New Research Find?)
यह रिसर्च अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक बैठक में पेश की गई थी। इसमें चीन के शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने 8 सालों तक 20,000 से ज्यादा वयस्कों पर अध्ययन किया। इन लोगों में से कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करते थे, जबकि कुछ लोग सामान्य तरीके से खाते थे।
अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोजाना खाने का समय 8 घंटे से कम रखते थे, उनमें दिल की बीमारी से मरने का खतरा 91% ज्यादा था। वहीं, जो लोग 12 से 16 घंटे के बीच खाते थे, उनमें ऐसा कोई खतरा नहीं पाया गया।
क्या हमें अब इंटरमिटेंट फास्टिंग करना बंद कर देना चाहिए? (Should We Stop Intermittent Fasting Now?)
यह रिसर्च अभी शुरुआती चरण में है और इसमें और जांच की जरूरत है। अभी यह कहना मुश्किल है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वाकई में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाता है या नहीं।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस अध्ययन में इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि लोग खाने के दौरान क्या खा रहे थे। हो सकता है कि कम समय में ज्यादा खाना खाने से ही यह खतरा बढ़ रहा हो। वहीं, कुछ अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना खाने का समय बहुत ज्यादा कम करना शरीर के लिए तनाव का कारण बन सकता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
इसलिए, फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं और आपको कोई परेशानी नहीं हो रही है, तो आप इसे जारी रख सकते हैं। हालांकि, कुछ सावधानियां जरूरी हैं:
- अपने डॉक्टर से सलाह लें: अगर आप किसी भी तरह की बीमारी से जूझ रहे हैं या दवाइयां ले रहे हैं, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
- संतुलित आहार लें: भले ही आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हों, इस दौरान भी संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है। खाने के समय फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन से भरपूर चीजें खाने पर ध्यान दें। मीठी चीजों और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।
- धीरे-धीरे शुरुआत करें: अगर आपने अभी इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू की है, तो धीरे-धीरे शुरुआत करें। सबसे पहले छोटे समय के उपवास से शुरुआत करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
- अपने शरीर को सुनें: अपने शरीर के संकेतों को समझें। अगर आपको भूख ज्यादा लग रही है, कमजोरी महसूस हो रही है, या सिरदर्द हो रहा है, तो उपवास का समय कम कर दें या फिर इस डाइट को बंद कर दें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के अलावा वजन कम करने के और क्या तरीके हैं? (Are There Other Ways to Lose Weight Besides Intermittent Fasting?)
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने का एक तरीका जरूर है, लेकिन यह हर किसी के लिए कारगर नहीं होता। अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहते हैं, तो वजन कम करने के लिए कई और तरीके भी मौजूद हैं:
- कैलोरी इनटेक कम करें: वजन कम करने का सबसे असरदार तरीका है कि आप खाने वाली कैलोरी की मात्रा को कम करें। इसके लिए आप एक डाइट चार्ट फॉलो कर सकते हैं या किसी डाइटीशियन से सलाह ले सकते हैं।
- शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं: नियमित व्यायाम वजन कम करने और सेहत सुधारने का बेहतरीन तरीका है। आप हर रोज कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने की कोशिश करें।
- पर्याप्त नींद लें: अच्छी नींद न लेने से आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन कम करना मुश्किल हो जाता है। रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
आखिर में (Conclusion)
इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) के फायदों और नुकसानों पर अभी भी रिसर्च जारी है। नई रिसर्च में दिल की बीमारी से जुड़ा खतरा सामने आया है, लेकिन अभी और जांच की जरूरत है। फिलहाल, अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं और आपको कोई परेशानी नहीं हो रही है, तो आप इसे जारी रख सकते हैं। बस संतुलित आहार लेना, धीरे-धीरे शुरुआत करना, और अपने शरीर के संकेतों को समझना न भूलें।
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में असमंजस में हैं या फिर वजन कम करने का कोई और तरीका अपनाना चाहते हैं, तो अपने डॉक्टर या किसी रजिस्टर्ड डाइटीशियन से सलाह जरूर लें। वही आपको आपकी सेहत और जरूरतों के हिसाब से सबसे बेहतर सलाह दे सकते हैं।