Ayodhya Diwali 2025: अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन की तारीख 20 या 21 अक्टूबर? जानें दिवाली का सही दिन

Ayodhya Diwali 2025: अयोध्या की दिवाली हर साल एक अद्वितीय और भव्य तरीके से मनाई जाती है। इस दिन, दूर-दराज से लाखों लोग भगवान राम की नगरी अयोध्या में आते हैं और इस पावन मौके पर शामिल होते हैं। अयोध्या की दिवाली और दीपोत्सव का आयोजन विशेष रूप से आकर्षित करता है, लेकिन इस साल अयोध्या में दिवाली कब मनाई जाएगी, यह जानना कई लोगों के लिए सवाल बना हुआ है। चलिए जानते हैं कि 2025 में अयोध्या में दिवाली का आयोजन कब होगा और इसके महत्व के बारे में।

अयोध्या में दिवाली 2025 कब मनाई जाएगी? (Ayodhya Diwali 2025 Date)

अयोध्या में दिवाली 2025 की तिथि के बारे में लोग थोड़े कंफ्यूज थे, क्योंकि दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल ये तिथि 20 और 21 अक्टूबर दोनों ही दिन पड़ रही है। लेकिन अयोध्या में दिवाली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से अमावस्या तिथि और प्रदोष काल का संयोग बन रहा है, जो दिवाली के लिए शुभ माना जाता है।

इस दिन दीपोत्सव की खास तैयारियाँ की जाती हैं और अयोध्या के घाटों पर लाखों दीप जलाए जाते हैं। 20 अक्टूबर 2025 को दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:16 से रात 08:25 बजे तक रहेगा। वहीं लक्ष्मी पूजन का निशिता मुहूर्त रात 11:46 से 12:37 बजे तक रहेगा।

अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन कब होगा? (Ayodhya Deepotsav 2025)

अयोध्या की दीपोत्सव की शुरुआत 19 अक्टूबर 2025 को होगी। यह दिन विशेष रूप से राम के घर लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शाम को 26 लाख 11 हजार 101 दीपक जलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ने का प्रयास होगा।

दीपोत्सव का आयोजन 19 अक्टूबर की सुबह से ही शुरू हो जाएगा और शाम को 7 बजे से दीप जलाए जाएंगे। इस दौरान लेजर लाइट शो और ग्रीन आतिशबाजी का आयोजन भी किया जाएगा। इसके साथ ही रामलीला का मंचन भी होगा और सरयू नदी पर आरती का आयोजन किया जाएगा। पिछले साल अयोध्या में दीपोत्सव के मौके पर 25 लाख दीपक जलाए गए थे, और इस साल इसका आंकड़ा और बढ़ाने की योजना है।

अयोध्या की दिवाली क्यों है सबसे खास? (Ayodhya Diwali Significance)

अयोध्या में दिवाली का महत्व बहुत ही खास है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के बाद अयोध्या वापस लौटने के समय, अयोध्यावासियों ने खुशी के प्रतीक के रूप में घी के दीपक जलाए थे। यही कारण है कि अयोध्या में दिवाली का पर्व मनाने की शुरुआत हुई थी।

यह पर्व सिर्फ अयोध्या के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश और दुनिया के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। अयोध्या में दिवाली का आयोजन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक श्रद्धा, समर्पण और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

अयोध्या में दिवाली और दीपोत्सव के आयोजन की विशेषताएँ:

  1. लाखों दीपक जलाना: अयोध्या की दिवाली में विशेष रूप से लाखों दीपक जलाए जाते हैं, जो न सिर्फ सुंदर दृश्य प्रस्तुत करते हैं, बल्कि एक संदेश भी देते हैं कि अंधकार में आस्था की रोशनी हमेशा बनी रहती है।
  2. आध्यात्मिक महत्व: अयोध्या को भगवान राम की जन्मभूमि माना जाता है, और यही कारण है कि यहाँ की दिवाली को बेहद पवित्र और आध्यात्मिक माना जाता है।
  3. समारोहों का आयोजन: दीपोत्सव के दिन रामलीला का मंचन, लेजर शो, और ग्रीन आतिशबाजी के साथ सरयू नदी पर आरती का आयोजन किया जाता है, जो यहां के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध करता है।
  4. वैश्विक आकर्षण: हर साल दिवाली और दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या में लाखों पर्यटक आते हैं, जो इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनते हैं। यह अयोध्या की दिवाली को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाता है।

अयोध्या की दिवाली न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। इस साल, दीपोत्सव 19 अक्टूबर को और दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। अयोध्या में यह उत्सव शानदार ढंग से मनाया जाएगा, जहां लाखों दीप जलाकर अंधकार को समाप्त किया जाएगा। तो यदि आप भी इस दिवाली का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो 19 और 20 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचने का अवसर न गंवाएं।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी को धार्मिक मान्यताओं और वर्तमान तिथियों के आधार पर तैयार किया गया है। कृपया अयोध्या दिवाली और दीपोत्सव के कार्यक्रम से संबंधित अधिक जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन या अधिकारियों की पुष्टि करें।

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