EC का बड़ा कदम: SIR प्रक्रिया के बाद पश्चिम बंगाल की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में 58 लाख नामों की कटौती

पश्चिम बंगाल में ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी

चुनाव आयोग (EC) ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पूरी होने के बाद पश्चिम बंगाल की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत राज्य में मतदाता सूची की गहन जांच की गई, जिसमें 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि मतदाता सूची को अधिक सटीक, पारदर्शी और अपडेटेड बनाया जा सके।

कुल मतदाताओं की संख्या में बड़ा बदलाव

SIR से पहले पश्चिम बंगाल में कुल मतदाताओं की संख्या 7,66,37,529 थी। लेकिन जांच और सत्यापन के बाद ड्राफ्ट सूची में अब 7,08,16,631 मतदाता दर्ज किए गए हैं। यानी करीब 58,20,898 नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। यह कटौती अलग-अलग तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से की गई है।

किन कारणों से हटाए गए नाम

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नाम हटाने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  • 24,16,852 मतदाता मृत पाए गए
  • 19,88,076 मतदाता स्थायी रूप से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके थे
  • 12,20,038 मतदाता अपने पते पर नहीं मिले या लापता पाए गए
  • 1.38 लाख नाम डुप्लीकेट पाए गए
  • 1,83,328 नाम ‘घोस्ट वोटर’ की श्रेणी में आए
  • 57,000 से अधिक नाम अन्य तकनीकी कारणों से हटाए गए

इन सभी मामलों में SIR के दौरान एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं हो पाए, या फिर जानकारी सत्यापित नहीं हो सकी।

ड्राफ्ट लिस्ट कहां और कैसे देखें

ड्राफ्ट मतदाता सूची को आम जनता के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध कराया गया है:

  • CEO, West Bengal की आधिकारिक वेबसाइट
  • चुनाव आयोग का वोटर पोर्टल
  • ECINET मोबाइल एप्लिकेशन
  • बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास हार्ड कॉपी

इसके अलावा, हटाए गए मतदाताओं की अलग सूची भी जारी की गई है, जिसमें हटाने का कारण स्पष्ट रूप से बताया गया है। इससे नागरिक आसानी से जांच कर सकते हैं कि उनका या उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम सूची से हटाया गया है या नहीं।

नाम हटने का मतलब अंतिम फैसला नहीं

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि ड्राफ्ट सूची से नाम हटना अंतिम निर्णय नहीं है। जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उन्हें पूरा मौका दिया जाएगा कि वे अपनी पात्रता साबित कर सकें।

दावा और आपत्ति की प्रक्रिया

  • अवधि: 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026
  • फॉर्म: फॉर्म 6 + डिक्लेरेशन फॉर्म
  • आवश्यक दस्तावेज: पहचान और निवास से जुड़े प्रमाण

इस अवधि में प्रभावित मतदाता अपने दावे या आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं।

सुनवाई प्रक्रिया कैसे होगी

चुनाव आयोग के अनुसार, लगभग एक सप्ताह बाद सुनवाई प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें:

  • नोटिस प्रिंट किए जाएंगे
  • मतदाताओं को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाएगा
  • EC के डिजिटल डेटाबेस में रिकॉर्ड सुरक्षित किया जाएगा

करीब 30 लाख मतदाता, जिनका डेटा पुराने रिकॉर्ड से मेल नहीं खा सका, उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा।

BLO की भूमिका और मतदाताओं के लिए सलाह

चुनाव आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे:

  • अपना नाम ऑनलाइन पोर्टल पर जरूर जांचें
  • जरूरत पड़ने पर स्थानीय BLO से संपर्क करें
  • ड्राफ्ट लिस्ट में गलती दिखने पर समय रहते दावा दर्ज करें

BLO को निर्देश दिया गया है कि वे बूथ स्तर पर उपलब्ध रहें और नागरिकों की मदद करें।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और माहौल

ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। जहां एक ओर सत्तारूढ़ दल ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी सुधार की दिशा में जरूरी कदम बताया है। हालांकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पूरी प्रक्रिया नियमों और कानून के तहत निष्पक्ष रूप से की गई है।

मतदाताओं के लिए सबसे जरूरी बात

  • घबराने की जरूरत नहीं है
  • ड्राफ्ट लिस्ट को ध्यान से जांचें
  • समयसीमा के भीतर फॉर्म भरें
  • सही दस्तावेज जमा करें

अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण)

यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। मतदाता सूची, दावा-आपत्ति प्रक्रिया और समयसीमा से जुड़ी अंतिम और आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया चुनाव आयोग या संबंधित सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध निर्देशों का पालन करें। लेखक किसी भी प्रशासनिक निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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