Bhai Dooj 2024: भाई दूज कब है 2 या 3 November? जानें शुभ योग और महत्व

Richa Bhardwaj

भाई दूज का महत्व Bhai Dooj 2024 का पर्व भाई और बहन के बीच के प्रेम और विश्वास को मजबूत करने का विशेष अवसर है। यह त्योहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। भाई दूज के साथ ही दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का समापन भी होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए पूजा करती हैं, और भाई उन्हें उपहार देकर उनका आशीर्वाद स्वीकार करते हैं।

देशभर में भाई दूज को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। महाराष्ट्र और गोवा में इसे “भाऊ बीज” के नाम से मनाया जाता है, जबकि बंगाल में इसे “भाई फोटा” कहा जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करना है।

Bhai Dooj 2024 Date: कब मनाई जाएगी भाई दूज?

Bhai Dooj 2024 की तारीख को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं, क्योंकि कई बार तिथियों में बदलाव होता है। इस बार, भाई दूज का पर्व 2 या 3 नवंबर को मनाया जा सकता है।

2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 22 मिनट पर कार्तिक द्वितीया तिथि का प्रारंभ हो जाएगा। यह तिथि अगले दिन 3 नवंबर 2024 को रात 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में द्वितीया होने के कारण भाई दूज 2024 का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा।

इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। 3 नवंबर की सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा, जो पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इसके बाद शोभन योग लगेगा, जो भी शुभ माना जाता है। भाई दूज की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

भाई दूज पर बन रहे शुभ योग

Bhai Dooj 2024 पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी खास बना रहे हैं। इन योगों में से प्रमुख हैं:

  1. सौभाग्य योग: यह योग 3 नवंबर की सुबह 11:39 तक रहेगा। यह योग जीवन में समृद्धि और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है।
  2. शोभन योग: सौभाग्य योग के बाद शोभन योग प्रारंभ होगा, जो पूरे दिन रहेगा। यह योग भी पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
  3. चंद्रमा की स्थिति: भाई दूज के दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा, जो पराक्रम और साहस का प्रतीक है। यह स्थिति भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करेगी।

भाई दूज की पूजा विधि

Bhai Dooj 2024 के दिन, बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और खुशहाली के लिए विशेष पूजा करती हैं। पूजा की विधि इस प्रकार है:

  1. सबसे पहले बहनें एक थाली तैयार करती हैं, जिसमें रोली, चावल, दीपक, मिठाई और पानी का लोटा होता है।
  2. फिर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं।
  3. तिलक लगाने के बाद भाई को मिठाई खिलाई जाती है और फिर बहनें उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
  4. भाई, अपनी बहनों को उपहार या धन देते हैं और उनके सुखी जीवन की प्रार्थना करते हैं।

भाई दूज का धार्मिक महत्व

Bhai Dooj का धार्मिक और पौराणिक महत्व भी है। यह पर्व कई कथाओं और धार्मिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। सबसे प्रसिद्ध कथा यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की है।

शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने उनके घर गए थे। यमुनाजी ने उन्हें बड़े प्रेम से भोजन कराया और तिलक किया। इस पर यमराज ने प्रसन्न होकर वरदान दिया कि जो भी भाई-बहन इस दिन यमुनाजी में स्नान करेंगे और पूजा करेंगे, उन्हें मृत्यु के बाद यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। तभी से भाई दूज का पर्व मनाया जाने लगा।

एक और कथा भगवान कृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा से जुड़ी है। जब भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया और द्वारका लौटे, तो उनकी बहन सुभद्रा ने उनका स्वागत फूलों, दीपकों और मिठाइयों से किया। उन्होंने भगवान कृष्ण के माथे पर तिलक लगाया और उनकी लंबी आयु की कामना की। इस घटना को भी भाई दूज का प्रारंभ माना जाता है।

भाई दूज के अन्य नाम और रूप

Bhai Dooj का पर्व पूरे भारत में अलग-अलग नामों और रूपों में मनाया जाता है:

  1. भाऊ बीज: महाराष्ट्र और गोवा में भाई दूज को भाऊ बीज कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती उतारती हैं और उन्हें तिलक लगाती हैं।
  2. भाई फोटा: पश्चिम बंगाल में इसे भाई फोटा कहा जाता है। यहां बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
  3. यम द्वितीया: उत्तर भारत में इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है, जो यमराज और यमुनाजी की कथा से जुड़ा हुआ है।

भाई दूज का आधुनिक रूप

समय के साथ, भाई दूज का रूप भी बदल गया है। आजकल इस पर्व को और भी धूमधाम से मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे को गिफ्ट्स और मिठाइयां भेजते हैं। सोशल मीडिया के जमाने में, जो भाई-बहन दूर रहते हैं, वे वीडियो कॉल के जरिए एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।

भाई दूज के दिन बाजारों में भी काफी रौनक देखने को मिलती है। मिठाइयों की दुकानें, गिफ्ट्स शॉप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर विशेष ऑफर्स मिलते हैं, जिससे लोग आसानी से अपने भाई-बहनों को उपहार भेज सकते हैं।

भाई दूज का सामाजिक महत्व

Bhai Dooj केवल धार्मिक महत्व तक सीमित नहीं है, इसका सामाजिक महत्व भी है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है और समाज में प्रेम और सद्भाव का संदेश देता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और खुशियां साझा करते हैं।

निष्कर्ष

Bhai Dooj 2024 Date 3 नवंबर को मनाया जाएगा, और इस बार यह पर्व कई शुभ योगों के साथ आ रहा है। भाई दूज का पर्व न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि समाज में प्रेम और सद्भाव का संदेश भी देता है।

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