पुरानी गाड़ी का re-registration कराना अब हुआ आसान! जानें 15-20 साल पुरानी गाड़ियों के नए नियम

Jiyansh Verma

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क्या आपकी गाड़ी 15 से 20 साल पुरानी हो गई है और आप सोच रहे हैं कि क्या अब इसे चलाना ठीक रहेगा या फिर इसका रजिस्ट्रेशन करना मुश्किल हो जाएगा? अगर हाँ, तो अब आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है! हाल ही में सरकार ने पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन और फिटनेस टेस्ट से जुड़ी नीतियों में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जिससे अब 15 से 20 साल पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। इस आर्टिकल में हम आपको इन बदलावों के बारे में पूरी जानकारी देंगे, ताकि आप भी बिना किसी झंझट के अपनी पुरानी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करा सकें।

पहले क्या थे नियम? (Old Rules)

पहले के नियमों के अनुसार, जो गाड़ियाँ 15 साल से ज्यादा पुरानी होती थीं, उनका रजिस्ट्रेशन तभी तक वैध रहता था जब तक कि वह फिटनेस टेस्ट पास करती थीं। यानी, 15 साल के बाद गाड़ी का फिटनेस टेस्ट अनिवार्य था। अगर गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाती थी, तो गाड़ी को स्क्रैप करने के लिए भेज दिया जाता था। इस नियम से कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था, खासकर उन लोगों को जिनकी गाड़ी अच्छी हालत में होती थी लेकिन फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाती थी।

नए नियम क्या हैं? (New Rules)

अब केंद्र सरकार ने 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के लिए फिटनेस टेस्ट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। जी हाँ, अब 15 साल से पुरानी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराना और भी आसान हो गया है। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2025 तक के लिए लागू है, जिसका मतलब है कि आप अपनी 15-20 साल पुरानी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन बिना फिटनेस टेस्ट के करा सकते हैं। यह नियम उन सभी गाड़ी मालिकों के लिए राहत की बात है जो अपनी पुरानी गाड़ी को चलाना जारी रखना चाहते थे।

तो फिर क्या करना होगा? (What to Do Now?)

अगर आपकी गाड़ी 15 साल से ज्यादा पुरानी है और आप उसका रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, तो आपको कुछ आसान कदम उठाने होंगे। आइए, जानते हैं वह स्टेप्स:

  1. आवश्यक कागजात जुटाएं: सबसे पहले आपको अपनी गाड़ी के सभी आवश्यक कागजात इकट्ठा करने होंगे। इसमें गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पेपर, पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC), और इंश्योरेंस पेपर शामिल हैं।
  2. आरटीओ ऑफिस जाएं: अब आपको अपने नजदीकी RTO (Regional Transport Office) ऑफिस में जाकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
  3. फॉर्म भरें: आपको गाड़ी के रि-रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म 25 भरना होगा। यह फॉर्म RTO ऑफिस से मिल सकता है या आप इसे ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं।
  4. फीस जमा करें: रजिस्ट्रेशन के लिए आपको कुछ शुल्क का भुगतान करना होगा। ध्यान रहे कि कुछ राज्यों में ग्रीन टैक्स भी लागू हो सकता है, जिसे आपको अदा करना होगा।
  5. रजिस्ट्रेशन हो जाएगा: सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, RTO ऑफिस से आपको आपकी गाड़ी का नया रजिस्ट्रेशन मिल जाएगा और अब आप अपनी पुरानी गाड़ी को फिर से सड़क पर चला सकेंगे।

ध्यान देने योग्य बातें (Important Points to Remember)

  • छूट की वैधता: यह नियम 1 अक्टूबर 2025 तक लागू है, इसलिए अगर आपकी गाड़ी 15 साल से ज्यादा पुरानी है तो आप इसी तारीख से पहले इसका रजिस्ट्रेशन करवा लें। इसके बाद फिर से फिटनेस टेस्ट की अनिवार्यता लागू हो सकती है।
  • पहले का रजिस्ट्रेशन रद्द होने पर: अगर आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पहले ही रद्द हो चुका है या उस पर कोई चालन बकाया है, तो आपको पहले इन मुद्दों को हल करना होगा। इसके बाद ही आप रि-रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
  • निजी और कमर्शियल गाड़ियां: यह नियम सिर्फ निजी गाड़ियों पर लागू होता है। अगर आपके पास कोई कमर्शियल वाहन है, तो उसके लिए अलग नियम हो सकते हैं।
  • नए रजिस्ट्रेशन के बाद: नए रजिस्ट्रेशन के बाद, आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पांच साल के लिए वैध होगा। इसके बाद आपको हर पांच साल में इसे फिर से रिन्यू करना होगा।

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज (Documents Required for Registration)

अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ RTO ऑफिस में जमा करने होंगे:

  1. गाड़ी का पुराने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
  2. पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC)
  3. इंश्योरेंस पॉलिसी
  4. गाड़ी का पहचान पत्र (यदि लागू हो)
  5. पते का प्रमाण (जैसे आधार कार्ड, बिजली बिल आदि)
  6. गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट (यदि आवश्यक हो)

FAQs

  1. भारत में पुराने गाड़ियों के लिए नया नियम क्या है?
    • 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के लिए सरकार ने फिटनेस टेस्ट की अनिवार्यता को 1 अक्टूबर 2025 तक के लिए हटा दिया है। इसके बाद गाड़ी का रजिस्ट्रेशन बिना फिटनेस टेस्ट के भी कराया जा सकता है।
  2. गाड़ी का रि-रजिस्ट्रेशन करवाने की फीस कितनी होती है?
    • गाड़ी का रि-रजिस्ट्रेशन शुल्क राज्य दरों पर निर्भर करता है। इसके अलावा ग्रीन टैक्स भी अलग से लग सकता है। आप अपने नजदीकी RTO से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  3. गाड़ी का रजिस्ट्रेशन समाप्त हो जाने पर क्या जुर्माना लगता है?
    • अगर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है और बिना रिन्यू किए गाड़ी चलायी जाती है, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। जुर्माना राशि राज्य और गाड़ी की स्थिति के हिसाब से बदल सकती है।
  4. क्या रि-रजिस्ट्रेशन के बाद गाड़ी की फिटनेस चेक होती है?
    • 15 साल से पुरानी गाड़ियों के लिए नए नियमों के तहत अब रि-रजिस्ट्रेशन के दौरान फिटनेस टेस्ट की अनिवार्यता नहीं है, लेकिन गाड़ी की स्थिति और प्रदूषण स्तर की जांच की जा सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

अगर आप अपनी 15-20 साल पुरानी गाड़ी को अब भी चलाना चाहते हैं, तो आपके लिए यह एक बेहतरीन मौका है! सरकार ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और फिटनेस टेस्ट के नियमों में बदलाव किया है, जिससे अब पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करना और भी आसान हो गया है। आपको बस RTO ऑफिस जाना है, कुछ जरूरी कागजात जमा करने हैं और फीस भरनी है। तो देर किस बात की है, जल्दी से अपनी पुरानी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराएं और उसे फिर से चलाने का मजा लें!

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