गोवर्धन पूजा 2025: क्यों मनाते हैं, क्या है इसके पीछे की धार्मिक मान्यता?

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गोवर्धन पूजा, दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है और इसे अन्नकूट भी कहा जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की कथा से जुड़ा हुआ है। गोवर्धन पूजा का प्रमुख उद्देश्य प्रकृति, पशुधन और अन्न का सम्मान करना होता है।

📅 गोवर्धन पूजा 2025 की तिथि और पूजा का समय

गोवर्धन पूजा 2025 की तिथि

तारीख: 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार)

🕒 पूजा का शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा मुहूर्त: सुबह 06:18 बजे से 08:35 बजे तक
अवधि: 2 घंटे 17 मिनट
(सभी मुहूर्त पंचांग और धार्मिक गणनाओं पर आधारित हैं)

🧠 गोवर्धन पूजा का इतिहास (इतिहासिक पृष्ठभूमि)

गोवर्धन पूजा से जुड़ी कथा श्रीकृष्ण के जीवन से है। जब इंद्रदेव की पूजा न करने पर गुस्से में उन्होंने वर्षा की, तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुलवासियों को सुरक्षा दी।
तब से लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा कर प्रकृति और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

🙏 गोवर्धन पूजा का धार्मिक और सामाजिक महत्व

  • यह पूजा हमें प्रकृति और पर्यावरण के प्रति श्रद्धा और संरक्षण का संदेश देती है।
  • कृषकों और पशुपालकों के लिए यह दिन विशेष होता है, क्योंकि इसमें गाय, बैल, और पशुधन की पूजा की जाती है।
  • इस दिन अन्नकूट प्रसाद का आयोजन होता है जिसमें कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं।

🛕 गोवर्धन पूजा विधि: कैसे करें पूजा (Step-by-Step पूजा विधि)

📋 आवश्यक सामग्री:

  • गोबर से बना गोवर्धन पर्वत का रूप
  • फूल, धूप, दीप, रोली, चावल
  • जल भरा कलश
  • गन्ना, दूध, दही, गुड़
  • विभिन्न प्रकार के पकवान (अन्नकूट)

🪔 पूजा करने की विधि:

  1. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. आंगन या पूजा स्थल पर गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं।
  3. गोवर्धन रूप की फूलों से सजावट करें।
  4. गोवर्धन पर दूध, दही, जल अर्पित करें।
  5. दीपक जलाकर आरती करें और भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करें।
  6. अन्नकूट के 56 भोग या अधिकतम व्यंजन बनाकर भगवान को अर्पण करें।
  7. सामूहिक भोजन (भंडारा) का आयोजन करें।

📚 तकनीकी जानकारी (पंचांग आधारित विवरण)

विषयविवरण
पर्व का नामगोवर्धन पूजा / अन्नकूट
दिनांक22 अक्टूबर 2025
दिनबुधवार
पूजा मुहूर्त06:18 AM – 08:35 AM
मासकार्तिक
तिथिशुक्ल पक्ष, प्रतिपदा

🌿 गोवर्धन पूजा से जुड़े रोचक तथ्य

  • इस दिन लोग अपने घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर पूजा करते हैं।
  • विशेष रूप से ब्रज, मथुरा, वृंदावन और गोकुल में यह पर्व भव्य रूप से मनाया जाता है।
  • कई मंदिरों में हजारों प्रकार के व्यंजन अर्पित किए जाते हैं।

🔚 निष्कर्ष (Conclusion)

गोवर्धन पूजा 2025 न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह हमें प्रकृति, पशु और अन्न के महत्व को समझने और उनका सम्मान करने की प्रेरणा देती है। इस पर्व को श्रद्धा और उत्साह से मनाकर हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं।

🔔 ध्यान दें: गोवर्धन पूजा का समय स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। स्थानीय पंचांग अवश्य देखें।

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