कल्पना कीजिए, आप सुबह-सुबह दिल्ली जा रहे हैं। द्वारका एक्सप्रेसवे पर तेज़ रफ्तार से दौड़ते हुए, बिना किसी टोल की चिंता के। लेकिन अब ये सपना टूट गया! 9 नवंबर 2025 को दोपहर 12 बजे से बिजवासन टोल प्लाजा पर टोल वसूली शुरू हो गई। फ्री राइड्स का दौर खत्म। कार वालों के लिए सिंगल ट्रिप पर ₹220, और रिटर्न पर ₹330। ये बदलाव न सिर्फ़ आपकी जेब पर असर डालेगा, बल्कि ट्रैफिक पर भी। सरहोल बॉर्डर पर जाम की आशंका बढ़ गई है।
द्वारका एक्सप्रेसवे: एक नजर में क्या है ये रोड?
द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाली 29 किलोमीटर लंबी 8-लेन वाली सुपरफास्ट हाईवे है। ये 2016 से बन रही थी, और कुल खर्च ₹11,000 करोड़ आया। इसमें 22 किमी महंगे स्ट्रक्चर्स जैसे फ्लायओवर और टनल्स हैं, जो इसे खास बनाते हैं। स्पीड लिमिट 100 किमी/घंटा, और ये NH-48 (दिल्ली-जयपुर हाईवे) से जुड़ती है। पहले ये फ्री थी, क्योंकि कंस्ट्रक्शन खत्म होने का इंतज़ार था। लेकिन अब NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने टोल चालू कर दिया। क्यों? क्योंकि मेंटेनेंस और एक्सपैंशन के लिए पैसे चाहिए।
टेक्निकल बात करें तो, ये एक्सप्रेसवे UER-II (अर्बन एक्सटेंशन रोड फेज-2) का हिस्सा है। शुरूआत दिल्ली के द्वारका से, अंत गुरुग्राम के कड़िपानी तक। बिजवासन प्लाजा ये एक्सप्रेसवे का पहला टोल पॉइंट है, जो NH-48 से 2 किमी पहले लगता है। प्लाजा पर 6 लेन हैं – 3 हर साइड के लिए। लोकल कम्यूटर्स के लिए 3 दिन की छूट दी गई, ताकि वे मंथली पास ले सकें।
टोल स्ट्रक्चर: कितना लगेगा, कैसे पेमेंट?
टोल की सबसे बड़ी बात – रेट्स! NHAI ने इंटीग्रेटेड टोलिंग सिस्टम लगाया है, मतलब अगर आप द्वारका एक्सप्रेसवे और फिर कड़िपानी (KH-48) दोनों यूज़ करें, तो डबल चार्ज नहीं लगेगा। FASTag अनिवार्य है, जो RFID टेक्नोलॉजी से काम करता है – गेट पर रुकें बिना पेमेंट हो जाता है। बैलेंस कम होने पर अलर्ट मिलता है।
कार, जीप या लाइट मोटर व्हीकल के लिए:
- सिंगल ट्रिप (द्वारका से गुरुग्राम): ₹220
- डबल ट्रिप (सेम डे रिटर्न): ₹330
- मंथली पास (लोकल्स के लिए): ₹340 (50 ट्रिप्स तक)
अगर फुल स्ट्रेच (द्वारका से NH-48): ₹355 सिंगल, ₹535 रिटर्न। हैवी व्हीकल्स जैसे बस/ट्रक: ₹745 सिंगल। LMV (लाइट मोटर व्हीकल) के लिए प्रति किमी ₹1.05, हैवी के लिए ₹3.20। एनुअल FASTag पास (₹200 + सिक्योरिटी) से 5% डिस्काउंट मिल सकता है, लेकिन लोकल पास बेहतर।
Major Points:
- Toll Calculation: Distance-based; 29 km stretch, integrated with Kherki Daula for no double charge.
- Payment Tech: FASTag mandatory; RFID ensures 99% success rate, auto-deduction from linked bank.
- Exemptions: Locals get 3-day grace; monthly pass caps at 50 trips for ₹340.
ये रेट्स हाई लग सकते हैं, लेकिन मेंटेनेंस के लिए ज़रूरी। उदाहरण: अगर आप रोज़ दिल्ली जाते हैं, तो मंथली पास से महीने का खर्च ₹340 – यानी प्रति ट्रिप सिर्फ़ ₹6.80!
ट्रैफिक इम्पैक्ट: सरहोल पर क्यों लगेगा जाम?
टोल शुरू होते ही ड्राइवर्स ने रास्ता बदल लिया। पहले फ्री रोड पर दिल्ली, नजफगढ़ या हरियाणा के दूसरे हिस्सों के लिए लोग द्वारका एक्सप्रेसवे यूज़ करते थे। अब टोल बचाने को दिल्ली-जयपुर NH (NH-48) से महिपालपुर के पास चढ़ रहे हैं। नतीजा? सरहोल बॉर्डर पर व्हीकल्स का दबाव 20-30% बढ़ गया। सुबह 8-10 बजे और शाम 5-7 बजे पीक ऑवर्स में जाम की पूरी संभावना।
ट्रैफिक पुलिस ने स्मार्ट मूव किया – अतिरिक्त जवानों की तैनाती। ACP ट्रैफिक हाईवे सत्यपाल यादव कहते हैं, “दिल्ली जाने वाले वाहनों की संख्या बढ़ी है, लेकिन हालात कंट्रोल में हैं। हम रियल-टाइम मॉनिटरिंग कर रहे।” CCTV और ड्रोन से ट्रैफिक फ्लो चेक हो रहा। अगर जाम हो, तो अल्टरनेटिव रूट्स जैसे सेक्टर-37D या NH-8 सजेस्ट किए जा रहे।
टेक्निकल डिटेल: NH-48 पर अब डेली 1.5 लाख व्हीकल्स एक्स्ट्रा। GPS ऐप्स जैसे Google Maps में रीयल-टाइम अलर्ट्स आ रहे – “एक्सप्रेसवे यूज़ करें, टाइम सेव 30 मिनट!” लेकिन टोल के बाद, NH पर एवरेज स्पीड 40 किमी/घंटा गिर गई।
कम्यूटर्स के लिए टिप्स: कैसे बचें परेशानी से?
दोस्तों, चिंता मत कीजिए! यहां कुछ आसान टिप्स:
- FASTag चेक करें: बैलेंस हमेशा ₹500+ रखें। NPCI ऐप से रिचार्ज।
- लोकल पास लें: गुरुग्राम रेसिडेंट्स के लिए ₹340 में 50 ट्रिप्स – NHAI पोर्टल पर अप्लाई।
- ऑफ-पीक ट्रैवल: सुबह 10 बजे के बाद या शाम 8 बजे से पहले निकलें।
- ऐप्स यूज़ करें: Waze या MapMyIndia से जाम अवॉइड।
- कारपूलिंग: Ola Share या Zoomcar से शेयर राइड – कॉस्ट 50% कम।
एक ड्राइवर की स्टोरी: राजेश, गुरुग्राम से दिल्ली जाते हैं, कहते हैं, “टोल से पहले 45 मिनट लगते थे, अब NH पर 1.5 घंटा। लेकिन मंथली पास से बजट कंट्रोल में!”
फ्यूचर आउटलुक: क्या होगा आगे?
टोल से NHAI को सालाना ₹500 करोड़ मिलेंगे, जो रोड अपग्रेड के लिए यूज़ होंगे। प्लान्स में सोलर लाइट्स, EV चार्जिंग स्टेशन्स और स्मार्ट सिग्नल्स शामिल। 2026 तक फुल 8-लेन एक्टिव। लेकिन चैलेंज: अगर जाम बढ़ा, तो लोकल प्रोटेस्ट हो सकते। सरकार ने कमिटी बनाई – रेट्स रिव्यू के लिए।
कुल मिलाकर, ये बदलाव प्रोग्रेस का साइन है। लेकिन प्लानिंग से सफर स्मूथ रहेगा। आपका क्या ख्याल? कमेंट्स में शेयर करें!