Bihar Power Scam: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी में एक ऐसा बम फूटा है जो पूरे NDA को हिला रहा है। पूर्व BJP नेता और एक्स-पावर मिनिस्टर आरके सिंह ने 3 नवंबर को धमाका कर दिया – बिहार में 62,000 करोड़ रुपये का पावर स्कैम! जी हां, ये वो ही आरके सिंह हैं जो कभी मोदी सरकार में पावर मिनिस्टर थे और अब अपनी ही पार्टी की NDA गवर्नमेंट पर CBI जांच की मांग कर रहे हैं। आरोप है थर्मल पावर प्लांट का, जहां कंपनी को इनफ्लेटेड प्राइस पर प्लांट लगाने की इजाजत दी गई और 25 साल का एग्रीमेंट साइन हुआ। नतीजा? बिहार की जनता को 6.075 रुपये प्रति यूनिट महंगी बिजली! आइए, सरल हिंदी में टेक्निकल डिटेल्स खोलते हैं – कैसे हुआ फ्रॉड, कितना नुकसान, और क्यों जरूरी CBI जांच। पढ़ते रहो, ये आपके बिजली बिल से जुड़ा है!
स्कैम का पूरा ब्लूप्रिंट: टेक्निकल ब्रेकडाउन
आरके सिंह ने ABP न्यूज को बताया – बिहार गवर्नमेंट ने एक कंपनी के साथ 25 साल का पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) साइन किया। टेक्निकल बातें सुनो:
- फिक्स्ड टैरिफ: हर यूनिट बिजली की कीमत 6.075 रुपये लॉक! नॉर्मल में ये 4-5 रुपये होती है।
- एक्स्ट्रा पेमेंट: कंपनी को कैपिटल कॉस्ट का 15% रिटर्न गारंटीड, प्लस 1.41 रुपये प्रति यूनिट एक्स्ट्रा। ये ओवर-इनवॉइसिंग से आया।
- इनफ्लेटेड कैपिटल कॉस्ट: प्लांट लगाने का खर्चा जानबूझकर बढ़ाया। रियल कॉस्ट से हजारों करोड़ ज्यादा!
- एनुअल बर्डन: हर साल 2,500 करोड़ रुपये एक्स्ट्रा पे। 25 साल में 62,000 करोड़ (आरके सिंह के मुताबिक, कुछ जगह 1.4 लाख करोड़ भी कहा)।
- पब्लिक पे करता है: डिस्कॉम ये एक्स्ट्रा चार्ज कंज्यूमर बिल में डालेंगे। मतलब आपका बिल 20-30% महंगा!
एंगेजिंग फैक्ट: एक घर अगर 200 यूनिट यूज करता है, तो महीने में 282 रुपये एक्स्ट्रा! साल भर में 3,384 रुपये। पूरे बिहार में ये अरबों का बोझ!
प्लांट की टेक्निकल डिटेल्स: कहां, कितना, क्यों महंगा?
ये स्कैम पिरपैंती थर्मल पावर प्लांट (भागलपुर) से जुड़ा। डिटेल्स:
- कैपेसिटी: 2,400 MW (अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल टेक्नोलॉजी)।
- इन्वेस्टमेंट: 30,000 करोड़ (कंपनी क्लेम), लेकिन इनफ्लेटेड।
- लैंड डील: 1,050 एकड़ पर सालाना 1 रुपये लीज! (कांग्रेस भी यही आरोप लगाती है)।
- कोल सोर्स: कोल ब्लॉक अलॉटमेंट में भी घपला संभव।
- एफिशिएंसी: अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल में हीट रेट 2,200 kcal/kWh, लेकिन हाई टैरिफ से फायदा कंपनी को।
- एनवायरनमेंट इंपैक्ट: 10 लाख पेड़ कटेंगे, कोल से पॉल्यूशन।
टिप: PPA में टेक-ऑर-पे क्लॉज – चाहे बिजली यूज हो या न, पेमेंट फिक्स्ड!
आरके सिंह क्यों बोले? पॉलिटिकल ट्विस्ट
आरके सिंह 2024 लोकसभा हारे, BJP से किनारा। अब चुनाव से 3 दिन पहले खुलासा! बोले – “मिनिस्टर्स और ऑफिशर्स जेल जाएं। CBI कैलकुलेट करे टोटल अमाउंट।” कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने X पर क्लिप शेयर की: “BJP का अपना नेता CBI मांग रहा!” विपक्ष TV डिबेट की डिमांड कर रहा। एंगेजिंग सवाल: क्या ये चुनावी स्टंट है या रियल स्कैम? आप क्या सोचते हो?
जनता पर असर: महंगी बिजली, कम जॉब्स?
- बिल शॉक: घरेलू यूजर्स 30% ज्यादा पे करेंगे।
- इंडस्ट्री: फैक्ट्रियां महंगी बिजली से भागेंगी।
- जॉब्स: 5,000 डायरेक्ट जॉब्स प्रॉमिस, लेकिन स्कैम से ट्रस्ट ब्रेक।
- अल्टरनेटिव: सोलर/विंड से 3-4 रुपये/यूनिट मिल सकती थी।
टेक्निकल सलूशन: रिव्यू PPA, री-नेगोशिएट टैरिफ, स्विच टू रिन्यूएबल।
CBI जांच क्यों जरूरी? नेक्स्ट स्टेप्स
आरके सिंह बोले – क्रिमिनल केस दर्ज हो, सब जेल! अगर CBI आएगी:
- ऑडिट PPA डॉक्यूमेंट्स।
- चेक कैपिटल कॉस्ट ब्रेकडाउन।
- इंटेरोगेट ऑफिशर्स।
- रिकवर एक्स्ट्रा पेमेंट।
डिस्क्लेमर
ये आर्टिकल पब्लिक आरोपों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। कोई क्लेम इंडिपेंडेंटली वेरिफाइड नहीं। स्कैम की सच्चाई के लिए CBI या कोर्ट का इंतजार करें। कंपनी ने अभी जवाब नहीं दिया। हम सिर्फ जानकारी दे रहे हैं, कोई लीगल एडवाइस नहीं। सतर्क रहें, वोट सोच समझकर!