भारतीय रुपया शुक्रवार, 3 मार्च 2024 को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। कारोबार के दौरान, रुपया दिन के निचले स्तर 82.95 और ऊपरी स्तर 83.04 रुपये प्रति डॉलर को छू गया। अंततः, यह 1 पैसे की गिरावट के साथ 82.90 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
संभावित कारण (Possible Reasons):
- विदेशी मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव (Volatility in the foreign exchange market): वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता का असर घरेलू मुद्राओं पर भी पड़ता है। शुक्रवार को, वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुझान देखने को मिला, जिसका असर रुपये पर भी पड़ा।
- तेल की कीमतों में उछाल (Rise in oil prices): कच्चे तेल की कीमतों में हालिया उछाल भारत के चालू खाते के घाटे को बढ़ाने का जोखिम पैदा करता है, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ सकता है।
- विदेशी पूंजी का बहिर्वाह (Outflow of foreign capital): विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों से पूंजी निकासी भी रुपये पर कमजोरी का कारण बन सकती है।
आगे क्या? (What’s Next?):
आने वाले दिनों में रुपये की चाल वैश्विक बाजारों के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी पूंजी प्रवाह पर निर्भर करेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी मुद्रा की अत्यधिक अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
रुपये में मामूली गिरावट चिंता का विषय नहीं है, लेकिन यह आने वाले दिनों में मुद्रा की चाल पर नजर रखने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य के लिए मुद्रा स्थिरता महत्वपूर्ण है।